सफर लाल दीवारों का
वो इंसान ही क्या जो सपने न देखें तो मैंने भी एक सपना देखा था पत्रकारिता के सबसे बड़े संस्थान भारतीय जनसंचार संस्थान में दाखिला लेने का। हालांकि वैसे भारतीय जनसंचार संस्थान के बारे में भी ढेले भर का भी ज्ञान नहीं था। इसी पर मनोज मुंतसिर साहब की कुछ पक्तियां याद आ रही हैं